कालनेमि: भाग 1

यूँ रात्रि गए, लंकापति रावण को अपने आवास पर देखकर कालनेमि पहले ही चौंका हुआ था. उसपर उनके अकस्मात् उसे युद्ध में उतरने को कहने पर वह और भी असहज हो गया. उसने लंकेश को बैठाकर उन्हें सारी बात अच्छी प्रकार समझाने को कहा. लंकेश बहुत उद्विग्न थे. उनके दश-मुखों पर रह-रहकर चिंता साफ़ दिखाईContinue reading “कालनेमि: भाग 1”