महाबली हनुमान ने जल में अपनी छवि देखी. उनके विशाल व सुन्दर नेत्र साफ़ दिख रहे थे. जल स्पष्ट था. हनुमान ने अपनी गदा, मुकुट एवं अन्य आभूषण उतार कर किनारे पर रख दिए और जल में प्रवेश कर गए. वह घुटनों तक जल में खड़े थे. आस-पास कोई नहीं था. सारा वातावरण शांत था.ContinueContinue reading “कालनेमि: भाग 2”
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कालनेमि: भाग 1
यूँ रात्रि गए, लंकापति रावण को अपने आवास पर देखकर कालनेमि पहले ही चौंका हुआ था. उसपर उनके अकस्मात् उसे युद्ध में उतरने को कहने पर वह और भी असहज हो गया. उसने लंकेश को बैठाकर उन्हें सारी बात अच्छी प्रकार समझाने को कहा. लंकेश बहुत उद्विग्न थे. उनके दश-मुखों पर रह-रहकर चिंता साफ़ दिखाईContinueContinue reading “कालनेमि: भाग 1”